दशकों हिंदी फिल्मों एवं फ़िल्मी गीतों को अपने कर्णप्रिय,मधुर, यादगार संगीत से सजाने वाले महान संगीतकार मोहम्मद जहूर खैय्याम हाशमी उर्फ़ खैय्याम की आज पुण्य तिथि है। सर्व प्रथम संगीतकार द्वय शर्माजी- वर्मा जी के शर्मा जी के नाम से 1948 की फिल्म 'हीर राँझा' से संगीत की शुरुआत करने वाले खैय्याम ने 1953 की फिल्म फुटपाथ से खैय्याम के नाम से संगीत देना शुरू किया । उनके द्वारा जिन फिल्मों में संगीत रचना की गयी, उनमें फिर सुबह होगी, लालारुख, बारूद, शोला और शबनम, शगुन, आखिरी खत, संकल्प, कभी कभी, त्रिशूल , खानदान, नूरी, थोड़ी सी बेवफाई, चंबल की क़सम, नाखुदा, दर्द, आहिस्ता आहिस्ता , बाजार, उमराव जान, रज़िया सुल्तान, परबत के उस पार आदि हैं । तीन बार फ़िल्मफ़ेअर अवार्ड से सम्मानित होने वाले खैय्याम को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और पद्म भूषण से भी नवाज़ा गया । गत वर्ष आज के दिन इनका निधन हुआ !
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