Thursday, January 21, 2010

मौसम

मौसम! प्यारा मौसम!
कभी गर्मी , कभी बरसात, तो कभी सर्दी
अलग अलग लोगों के लिए अलग अलग मतलब लिए हुए

याद आती है एक कहानी
दो बहनों की
एक किसान के घर बियाही -
एक कुम्हार के.

बूढ़ा पिता चला
कुशल क्षेम पूछने
पहले एक बेटी के पास -
फिर दूसरी के पास.

बाकी सब कुछ ठीक था
परन्तु -
किसान की बीवी को चाहिए थी वर्षा
कुम्हार की बीवी को चाहिए थी धूप
अपना अपना स्वार्थ था

बूढ़ा पिता असमंजस में कि

- किस के लिए दुआ मांगे !

2 comments:

  1. प्‍यार करते रहे,
    रोमिंग की चिन्‍ता न करे,
    रोमिंग हमारी आफत है,
    यदि आप कॉल करे तो आपका बडप्‍पन है।

    हौसला अफजाई के लिये धन्‍यवाद,

    बहुत ही उम्‍दा कविता आपने भी लिखी है..... एक जगह जीत है तो दूसरे के लिये हार

    ReplyDelete
  2. Kabhi kisi ko mukammal jahan nahin milta----

    ReplyDelete