आज एशिया उप महाद्वीप के एक महान कहानीकार की जन्मशती है। कोई आश्चर्य नहीं कि इन दिनों हिन्दी और अंग्रेज़ी के अधिकतर समाचार पत्रों व पत्रिकाओं में किसी न किसी रूप में इस महान शख्सियत
को याद करते हुए कुछ न कुछ लिखा गया है। अपने जीवनकाल में मंटो अपनी
रचनाओं के कारण विवादों से भी घिरे रहे और उनकी कहानियों पर अश्लीलता के आरोपों के चलते कई मुक़द्दमे भी चले। ऐसा उन लोगों
के कारण हुआ जो या तो prudish मानसिकता के थे या उन्होने इन रचनाओं को केवल सतही तौर पर पढ़
कर ही अश्लील करार दे दिया था । प्रसन्नता इस बात की भी है कि ‘ नया ज्ञानोदय ’ पत्रिका का मई अंक
मंटो को ही समर्पित है तथा उनकी कुछ चुनिन्दा कहानियों के साथ साथ उनसे जुड़े कुछ
लोगों के संस्मरणों के समावेश के कारण पठनीय
भी है। टाइम्स ऑफ इंडिया मे आज उनके जन्म स्थान समराला के लोगों द्वारा उन्हें बहुत प्यार से याद किए जाने
की भी खबरें हैं।
समाज में व्याप्त बुराइयों तथा शोषण का बेबाकी से
चित्रण करने वाले इस महान लेखक को विनम्र श्रद्धांजलि !
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