आज महान कवि एवं गीतकार प्रदीप की जयन्ती है.आज ही के दिन 1915 को जन्मे कवि रामचरण द्विवेदी ने स्वतंत्रता पूर्व 1940 में फिल्म बंधन के लिए गीत लिखे व 'चल चल रे नौजवान' से ख्याति पायी .इसके बाद फिल्म 1943 में फिल्म किस्मत के लिए लिखे गीत ' दूर हटो ए दुनिया वालो हिंदुस्तान हमारा है ....' की अत्यधिक लोकप्रियता के चलते उन्हें भूमिगत भी होना पड़ा . आज़ादी के बाद फिल्म जागृति के गीत 'दे दी हमें आज़ादी बिना खडग बिना ढाल .. ....', ' आओ बच्चों तुम्हें दिखाएँ झांकी हिंदुस्तान की ..... ', ' हम लाए हैं तूफान से किश्ती निकाल के....' ,' चलो चलें माँ सपनों के गांव में......'ने लोकप्रियता और शोहरत की बुलंदियों को छुआ ।
फिल्म नास्तिक का गीत' देख तेरे संसार की हालत क्या हो गयी भगवान......' आज भी सुना जाता है .
1962 के भारत चीन के युद्ध के बाद 26 जनवरी 1963 को दिल्ली के रामलीला मैदान से सीधे तौर पर प्रसारित लता मंगेशकर की आवाज़ में गाये उनके गीत ' ऐ मेरे वतन के लोगों .......' ने तो प्रधान मंत्री नेहरू जी की आँखों को द्रवित कर दिया था ।
ऐसा नहीं था कि प्रदीप ने देश भक्ति के ही गीत लिखे । उनके भावनात्मक प्रेम गीत भी बहुत लोकप्रिय हुए ।
11दिसम्बर 1998 को कवि प्रदीप का निधन हुआ !
महान कवि- गीतकार को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि !!
फिल्म नास्तिक का गीत' देख तेरे संसार की हालत क्या हो गयी भगवान......' आज भी सुना जाता है .
1962 के भारत चीन के युद्ध के बाद 26 जनवरी 1963 को दिल्ली के रामलीला मैदान से सीधे तौर पर प्रसारित लता मंगेशकर की आवाज़ में गाये उनके गीत ' ऐ मेरे वतन के लोगों .......' ने तो प्रधान मंत्री नेहरू जी की आँखों को द्रवित कर दिया था ।
ऐसा नहीं था कि प्रदीप ने देश भक्ति के ही गीत लिखे । उनके भावनात्मक प्रेम गीत भी बहुत लोकप्रिय हुए ।
11दिसम्बर 1998 को कवि प्रदीप का निधन हुआ !
महान कवि- गीतकार को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि !!
No comments:
Post a Comment