ख्यातनाम हिंदी उपन्यासकार, कथाकार, निबंधकार जैनेन्द्र कुमार की आज जयंती है । प्रेमचंद के बाद वह हिंदी उपन्यास लेखन के प्रमुख हस्ताक्षर हैं । उनने उपन्यास लेखन में प्रेम चंद की यतार्थवादी परम्परा को नहीं अपनाया बल्कि पात्रों के मनोवैज्ञानिक विश्लेषण पर अधिक बल दिया । प्रयोगधर्मी लेखक के तौर पर उनने भाषा का नया मुहावरा गढ़ा व गद्य लेखन को दूसरी दिशा दी । हिंदी साहित्य जगत में उन्हें प्रेयसी वाद के प्रणेता के रूप में भी जाना जाता है ।
पद्मभूषण एवं साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित जैनेन्द्र का निधन 24 दिसम्बर 1988 को हुआ, उस समय इनकी आयु 83 वर्ष थी ।
महान साहित्यकार को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि ।
पद्मभूषण एवं साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित जैनेन्द्र का निधन 24 दिसम्बर 1988 को हुआ, उस समय इनकी आयु 83 वर्ष थी ।
महान साहित्यकार को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि ।
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