आज हिंदी सिनेमा के अपने समय के लोकप्रिय संगीतकार मदन मोहन की 44वीं पुण्य तिथि है । मदनमोहन कोहली का जन्म 25 जून 1924 को इराक में एक संभ्रान्त परिवार में हुआ । दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान मदन मोहन ने ब्रिटिश भारतीय सेना में बतौर सेकंड लेफ्टिनेंट सेवाएं दी पर दो साल बाद सेना की नौकरी छोड़ दी ।इसके बाद उनने ऑल इंडिया रेडियो लखनऊ में बतौर प्रोग्राम असिस्टेंट काम करना शुरू किया जहाँ उनका परिचय उस्ताद फ़ैयाज़ खां, उस्ताद अली अकबर खां , बेगम अख्तर और तलत महमूद जैसे महान कलाकारों से हुआ । मदन मोहन ने अपने स्वर में भी कुछ ग़ज़लें रिकॉर्ड की । फ़िल्मी दुनिया में आने के बाद उनने शुरू में अभिनय भी किया पर बाद में फिल्म संगीत को ही अपनी रूचि के अनुरूप पाया । '50 से '70 के दशक में सक्रिय रह कर उनने अनेक फिल्मों में यादगार संगीत दिया । 1948 की फिल्म शहीद में उनने लता मंगेशकर के साथ दो गीत भी गाये पर उनका उपयोग फिल्म में नहीं हुआ ।1950 में बतौर संगीतकार फिल्म आंखें में पहली बार संगीत दिया ।इसके बाद की उनकी फिल्मों में मदहोश, रेलवे प्लेटफार्म, भाई भाई, पॉकेट मार, राजधानी, देख कबीरा रोया, अदालत, जेलर, खजांची, अनपढ़, संजोग, ग़ज़ल, हक़ीक़त, जहाँआरा, वो कौन थी, नीला आकाश, मेरा साया, नौनिहाल, चिराग, दस्तक , हीर राँझा, लैला मजनू आदि शामिल हैं । उनको ग़ज़लों का संगीत देने में महारत हासिल थी और तलत महमूद की आवाज़ का उनसे बेहतर उपयोग शायद ही किसी अन्य संगीतकार ने किया हो ।मुहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर और मन्ना डे की आवाज़ में भी उनकी कई बेहतरीन रचनाओं का शुमार है । मुकेश की आवाज़ में उनका गीत ' प्रीत लगा के मैंने ये फल पाया....' अत्यन्त लोकप्रिय हुआ ।
उन्हें तीन बार फ़िल्मफ़ेअर श्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार, फिल्म दस्तक के लिए श्रेष्ठ संगीतकार का राष्ट्रीय पुरस्कार और IFA अवार्ड भी मिला ।
आज के दिन 1975 में मात्र 51 वर्ष की आयु में इनका निधन हुआ ।
महान संगीतकार को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि !
उन्हें तीन बार फ़िल्मफ़ेअर श्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार, फिल्म दस्तक के लिए श्रेष्ठ संगीतकार का राष्ट्रीय पुरस्कार और IFA अवार्ड भी मिला ।
आज के दिन 1975 में मात्र 51 वर्ष की आयु में इनका निधन हुआ ।
महान संगीतकार को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि !
No comments:
Post a Comment