अपनी अनूठी संवाद अदायगी, राजसी अदाओं एवं तौर तरीकों के लिए विख्यात, अद्भुत अभिनय प्रतिभा का दशकों लोहा मनवाने वाले अभिनेता राजकुमार की आज पुण्यतिथि है । 8 अक्टूबर 1928 को
बलूचिस्तान में जन्मे राज कुमार का वास्तविक नाम कुलभूषण पंडित था।
स्कूल के ज़माने में मुहम्मद रफ़ी का अपने ख़ास अंदाज़ में गाया एक गीत ' घोड़ा लाहौरी मेरा, तांगा पिशौरी मेरा...' बहुत लोकप्रिय हुआ था । अभी हाल में यू ट्यूब पर तलाश किया तो पाया कि यह गीत राजकुमार पर फिल्माया गया था ।एक बार और उनकी अभिनय प्रतिभा के प्रति प्रशंसा का भाव मन में उभरा ।रजत पट पर अपनी जानदार उपस्थिति से कई बार पार्श्व भूमिका निभाते हुए भी नायक पर भारी पड़ते हुए राजकुमार ने अनेकों यादगार फिल्मों में अभिनय किया जिनमे मदर इंडिया, दुल्हन, पैग़ाम, अर्धांगिनी, उजाला, दिल अपना और प्रीत परायी, घराना, दिल एक मंदिर,गोदान, फूल बने अंगारे, ज़िन्दगी, वक़्त, काजल, हमराज़, मेरे हज़ूर, नील कमल, हीर रांझा, लाल पत्थर, मर्यादा, पाकीज़ा, कर्मयोगी, बुलंदी, कुदरत, राजतिलक, सौदागर, तिरंगा, जवाब आदि शामिल हैं ।
आज उनकी 21वीं पुण्य तिथि पर हमारी विनम्र श्रद्धांजलि
बलूचिस्तान में जन्मे राज कुमार का वास्तविक नाम कुलभूषण पंडित था।
स्कूल के ज़माने में मुहम्मद रफ़ी का अपने ख़ास अंदाज़ में गाया एक गीत ' घोड़ा लाहौरी मेरा, तांगा पिशौरी मेरा...' बहुत लोकप्रिय हुआ था । अभी हाल में यू ट्यूब पर तलाश किया तो पाया कि यह गीत राजकुमार पर फिल्माया गया था ।एक बार और उनकी अभिनय प्रतिभा के प्रति प्रशंसा का भाव मन में उभरा ।रजत पट पर अपनी जानदार उपस्थिति से कई बार पार्श्व भूमिका निभाते हुए भी नायक पर भारी पड़ते हुए राजकुमार ने अनेकों यादगार फिल्मों में अभिनय किया जिनमे मदर इंडिया, दुल्हन, पैग़ाम, अर्धांगिनी, उजाला, दिल अपना और प्रीत परायी, घराना, दिल एक मंदिर,गोदान, फूल बने अंगारे, ज़िन्दगी, वक़्त, काजल, हमराज़, मेरे हज़ूर, नील कमल, हीर रांझा, लाल पत्थर, मर्यादा, पाकीज़ा, कर्मयोगी, बुलंदी, कुदरत, राजतिलक, सौदागर, तिरंगा, जवाब आदि शामिल हैं ।
आज उनकी 21वीं पुण्य तिथि पर हमारी विनम्र श्रद्धांजलि
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