"चिनॉय सेठ, जिनके घर शीशे
के बने होते हैं वो दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते"
अभिनेता स्व. राज कुमार का ज़िक्र आते ही फिल्मों
में उनके द्वारा बोले गए संवाद
जेहन में उभर आते हैं . नाम और तबीयत
दोनो से राज कुमार !
स्कूल में कुछ समय के लिए हमारे
एक गणित के अध्यापक थे,
बहुत अच्छा पढ़ाते थे , पर किसी लड़के
का ‘हम’ बोलना उन्हें गवारा नहीं था । किसी बात के जवाब में
कोई ‘हम’
बोला नहीं कि शामत आई । ‘तुम कोई राजा महाराजा हो जो अपने आप को हम बोलते हो’
डंडे की मार के साथ यही सुनने को मिलता ।
आज सोचता हूँ कि यदि अध्यापक
महोदय राजा महाराजा की जगह राजकुमार कहते तो भी बात जच जाती । अभिनेता राजकुमार के मुंह से
‘हम’ सुनना बहुत अच्छा लगता था,
यथा :
"हम तुम्हें मारेंगे और जरूर मारेंगे लेकिन वह
वक्त भी हमारा होगा, बंदूक भी हमारी होगी और गोली भी हमारी
होगी"
आज इन्हीं राजकुमार साहब की
जयंती है .
श्रद्धांजलि !
No comments:
Post a Comment