बुज़ुर्ग शायर सरदार पंछी को सुनना अपने आप में एक सुखद अनुभव से गुज़रना है . एक बानगी देखिये :
ये ग़लत है कि मेरे दोस्त दगा देते हैं ,
वो तो मुझे मेरी खताओं की सजा देते हैं
वो तो मुझे मेरी खताओं की सजा देते हैं
आप को अपना बनाना तो बड़ी बात नहीं
हम तो पत्थर को भी भगवान बना देते हैं .........
हम तो पत्थर को भी भगवान बना देते हैं .........
No comments:
Post a Comment