आज अज़ीम शाइर और दशकों तक इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अङ्ग्रेज़ी साहित्य के प्राध्यापक रहे रघुपति सहाय फ़िराक़ गोरखपुरी की जयंती है।अपने समय के दिग्गज शायरों मसलन जिगर मुरदाबादी, जोश मलीहाबादी, नज़ीर अकबराबादी के मध्य अपना विशिष्ट स्थान बनाते हुए फ़िराक़ ने उत्कृष्ठ ग़ज़लों, नज़मों,रुबाइयों की रचना की.उनकी शायरी की किताब गुल-ए- नगमा के लिए उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त, उन्हें पद्मभूषण और सोवियत लैंड पुरस्कार भी मिले व संगीत नाटक एकैडमी के फैलो भी रहे।
इस महान शाइर को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि !
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