अपने स्कूल के जमाने में हिन्दी से अंग्रेज़ी अनुवाद के लिए एक पैरा अक्सर नज़र से गुज़रता था , " सर गंगा राम के बारे में मशहूर था कि जो बात वो मन में ठान लेते थे , उसे पूरा कर के ही छोडते थे ............." उनके बारे में ये भी पढ़ा कि एक बार विद्यार्थी काल में अज्ञानतावश एक अंग्रेज़ चीफ़ इंजीनियर की कुर्सी पर बैठ जाने के लिए उन्हें खरी खोटी सुननी पड़ी थी और तभी उनने इंजीनियर बनने की ठान ली थी और वो बने भी . आज उन्हीं सर गंगा राम की पुण्य तिथि है । सर गंगाराम हॉस्पिटल उन्हीं की याद को समर्पित है।
विनम्र श्रद्धांजलि !
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