हंगामा है क्यूँ बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है
डाका तो नहीं डाला, चोरी तो नहीं की है
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दुनिया में हूँ दुनिया का तलबगार नहीं हूँ
बाज़ार से गुज़रा हूँ, ख़रीददार नहीं हूँ
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हम क्या कहें अहबाब क्या कार-ए-नुमाया कर गए
बी.ए. हुए, नौकर हुए , पेंशन मिली और मर गए
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-अज़ीम शाइर अकबर अल्लाहबादी की आज जयंती है ।
विनम्र श्रद्धांजलि !
डाका तो नहीं डाला, चोरी तो नहीं की है
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दुनिया में हूँ दुनिया का तलबगार नहीं हूँ
बाज़ार से गुज़रा हूँ, ख़रीददार नहीं हूँ
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हम क्या कहें अहबाब क्या कार-ए-नुमाया कर गए
बी.ए. हुए, नौकर हुए , पेंशन मिली और मर गए
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-अज़ीम शाइर अकबर अल्लाहबादी की आज जयंती है ।
विनम्र श्रद्धांजलि !
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