आज सुप्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार डा. रामकुमार वर्मा की जयंती है। एकाँकी सम्राट के नाम से विख्यात, राम कुमार वर्मा ने काव्य और आलोचना में भी अपना भरपूर योगदान दिया है । उन्हें छायावाद का उत्कृष्ट कवि माना जाता है, गो उनकी कविताओं में रहस्यवाद का भी अंश व्याप्त है। । मात्र 17 वर्ष की आयु में अपनी साहित्यिक यात्रा आरंभ करने वाले रामकुमार वर्मा ने विपुल साहित्य रच कर हिन्दी साहित्य जगत को समृद्ध किया है . 25 वर्ष की आयु में उनके द्वारा रचित नाटक 'बादल की मृत्यु' को आलोचकों ने हिन्दी का पहला एकाँकी नाटक माना है ।उनका नाटक 'पृथ्वीराज की आँखें' व काव्य रचना 'एकलव्य' भी बहुचर्चित रहे हैं !
पद्मभूषण से सम्मानित इस महान साहित्यकार को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि !
पद्मभूषण से सम्मानित इस महान साहित्यकार को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि !
No comments:
Post a Comment