सुविख्यात हिंदी कवि एवं बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न वयोवृद्ध साहित्यकार कुँवर नारायण का आज जन्मदिन है। कविता , कहानी, आलोचना , सभी विधाओं में साधिकार लेखनी चलाने वाले कुँवर नारायण तीसरे तार -सप्तक के प्रमुख कवियों में एक हैं। भारतीय ज्ञानपीठ , साहित्य अकादमी पुरस्कार,और व्यास सम्मान के अलावा अनेक देशी विदेशी पुरस्कारों से सम्मानित कुँवर नारायण ने कविता संग्रहों के अतिरिक्त दो खंड काव्यों का सृजन किया है व कथा साहित्य और समीक्षा में भी योगदान दिया है।
एक बानगी:
एक बानगी:
व्यक्ति को
विकार की ही तरह पढ़ना
जीवन का अशुद्ध पाठ है।
विकार की ही तरह पढ़ना
जीवन का अशुद्ध पाठ है।
वह एक नाज़ुक स्पन्द है
समाज की नसों में बन्द
जिसे हम किसी अच्छे विचार
या पवित्र इच्छा की घड़ी में भी
पढ़ सकते हैं ।
समाज की नसों में बन्द
जिसे हम किसी अच्छे विचार
या पवित्र इच्छा की घड़ी में भी
पढ़ सकते हैं ।
समाज के लक्षणों को
पहचानने की एक लय
व्यक्ति भी है,
अवमूल्यित नहीं
पूरी तरह सम्मानित
उसकी स्वयंता
अपने मनुष्य होने के सौभाग्य को
ईश्वर तक प्रमाणित हुई !
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पहचानने की एक लय
व्यक्ति भी है,
अवमूल्यित नहीं
पूरी तरह सम्मानित
उसकी स्वयंता
अपने मनुष्य होने के सौभाग्य को
ईश्वर तक प्रमाणित हुई !
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हमारी हार्दिक शुभकामनाएं !
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