हिंदी साहित्य जगत के प्रमुख हस्ताक्षर रहे सुविख्यात उपन्यासकार, कथाकार, कवि, एवं आलोचक सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' की आज जयंती है । जहाँ एक ओर ' नदी के द्वीप' एवं ' शेखर, एक जीवनी'उनके लोकप्रिय उपन्यास है, वहीँ उनके उपन्यास 'कितनी नावों में कितनी बार' के लिए उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था । एक कवि के तौर पर उन्हें नयी कविता के प्रणेता व एक प्रयोगधर्मी कवि के रूप में जाना जाता है।एक अवधि तक उनने हिंदी पत्रिका ' दिनमान' का संपादन किया है व प्रतिनिधि काव्य संकलनों 'सप्तक' के संपादक के रूप में भी उन्हें जाना जाता है ।स्वतंत्रतापूर्व, एक सैन्य अधिकारी के रूप में भी उनने सेवाएं दी हैं ।
4 अप्रैल 1987 को 76 वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ था ।
बहुमुखी प्रतिभा के धनी इस महान साहित्यकार को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि !
4 अप्रैल 1987 को 76 वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ था ।
बहुमुखी प्रतिभा के धनी इस महान साहित्यकार को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि !
No comments:
Post a Comment