शिमला
के लोअर कैथू क्षेत्र में 1929 में आज ही के दिन जन्मे तथा हिन्दी साहित्य में ‘नई कहानी’ के प्रमुख हस्ताक्षर
निर्मल वर्मा की आज जयंती है । अपनी कहानियों के कारण साहित्य में
विशेष स्थान तो पाया ही , इसके अतिरिक्त, ‘लाल
टीन की छत’,’एक
चिथड़ा सुख’ और ’अंतिम
आरण्य’ जैसे
उपन्यासों के कारण भी चर्चा में रहे। अपनी कहानी ‘परिंदे’ से
सर्वप्रथम पहचान में आए तथा उसके बाद अनेक अप्रतिम कहानियाँ रचीं.
ज्ञानपीठ
पुरस्कार , मूर्तिदेवी पुरस्कार, पद्मभूषण
एवं साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित इस महान रचनाकार को हमारी विनम्र
श्रद्धांजलि !
No comments:
Post a Comment