महान देशभक्त, लेखक, उपन्यासकार, राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ के रचयिता एवं बंगाल के साहित्यिक पुनर्जागरण की एक अग्रणी विभूति बन्किमचन्द्र चट्टोपाध्याय की आज पुण्यतिथि है ! प्रेसीडेंसी कॉलेज, कलकत्ता के प्रथम भारतीय स्नातकों में से एक , बंकिम चन्द्र ने अंग्रेज़ सरकार के अधीन शासकीय सेवा में रह कर भी देश भक्ति से ओतप्रोत रचनाएँ लिख कर स्वतंत्रता संग्राम में योगदान करने वाले क्रांतिकारियों का मनोबल बढ़ाया .’आनंद मठ’ , ‘दुर्गेशनंदिनी’, ‘कपाल कुंडला’ और ‘मृणालिनी’ जैसे उपन्यासों की रचना करके न केवल बंगला साहित्य को समृद्ध किया , बल्कि बंगला भाषा को भी गौरवान्वित किया, क्योंकि उनके पूर्ववर्ती बांग्ला लेखक अधिकतर अँग्रेजी अथवा संस्कृत भाषा में ही लिखते थे .
उन जैसे महान लेखक व देशभक्त को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि !
उन जैसे महान लेखक व देशभक्त को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि !
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