स्वतन्त्रता पूर्व के विद्रोही कवि और स्वातंत्र्योत्तर भारत के राष्ट्र कवि के रूप में सुविख्यात महान कवि रामधारी सिंह दिनकर की आज पुण्यतिथि है ।छायावादोत्तर काल के प्रमुख कवि दिनकर जी के काव्य में परस्पर विरोधी माने जाने वाले वीर रस और शृंगार रस का भरपूर समावेश मिलता है ।गद्य और पद्य में समानाधिकार रखने वाले रचनाकार स्व. दिनकर जी ने उर्वशी, हुंकार, रश्मिरथी,कुरुक्षेत्र , संस्कृति के चार अध्याय, जैसी अप्रतिम रचनाएँ हिन्दी साहित्य को दी हैं।
भारतीय ज्ञानपीठ, पद्मभूषण , साहित्य अकादमी से सम्मानित हिन्दी साहित्य के मनीषि को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि !
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