आज हिन्दी के महान कवि, सुविख्यात आलोचक, निबंधकार एवं चिन्तक गजानन माधव मुक्तिबोध की पुण्यतिथि है ।आधुनिक कविता के एक प्रमुख हस्ताक्षर माने जाने वाले मुक्तिबोध तार सप्तक में स्थान पाने वाले कवियों में से एक हैं । उन्हें उनकी लम्बी कविताओं 'चाँद का मुँह टेढ़ा है ' 'ब्रह्मराक्षस', 'अन्धेरे में ' के लिये अधिक जाना जाता है।
छायावाद के बाद आरंभ हुए प्रयोगवाद के प्रणेता के रुप में भी उन्हें जाना जाता है।
अपने जीवन काल के 47 वर्ष भी पूरे न कर पाने वाले साहित्य शिरोमणि को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि !
छायावाद के बाद आरंभ हुए प्रयोगवाद के प्रणेता के रुप में भी उन्हें जाना जाता है।
अपने जीवन काल के 47 वर्ष भी पूरे न कर पाने वाले साहित्य शिरोमणि को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि !
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