'अगर डोला इस राह से गुजरे कुवेला
यहां अम्बवा तरे रुक एक पल विश्राम लेना
मिलो जब गाँव भर से बात कहना बात सुनना
भूल कर हरगिज न मेरा नाम लेना ...........'
हिन्दी साहित्य जगत के एक महत्वपूर्ण हस्ताक्षर व सुप्रसिद्ध कवि, उपन्यासकार , नाटककार डा. धर्मवीर भारती की आज पुण्य तिथि है. 'गुनाहों का देवता' और 'सूरज का सातवाँ घोड़ा ' जैसे उपन्यास व 'अंधा युग ' जैसे नाटक के रचयिता डा. भारती अनेक वर्षों तक प्रतिष्ठित साप्ताहिक पत्रिका 'धर्मयुग ' के भी संपादक रहे।
इस महान रचनाकार को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि !
No comments:
Post a Comment