स्कूल के विद्यार्थी जीवन में हिन्दी की किसी पाठ्य पुस्तक में ईश्वर चन्द्र विद्यासागर से संबन्धित एक सच्ची घटना के बारे में पढ़ा था कि एक सूटेड बूटेड नौजवान जो अपना सूटकेस उठाने के लिए कुली तलाश रहा था , उसका सामान उनने उसके गंतव्य तक उठाया । शुरू में वह उन्हें एक साधारण व्यक्ति समझ रहा था पर जब उसे उनके महान व्यक्तित्व का आभास हुआ तो उसने उनसे क्षमा मांगी । ‘अपना काम आप करो’ कि शिक्षा एवं प्रेरणा देने वाले ईश्वर चन्द्र विद्यासागर की आज पुण्यतिथि है। बंगाल पुनर्जागरण के एक महत्वपूर्ण स्तम्भ रहे ईश्वर चन्द्र विद्यासागर एक विद्वान, शिक्षाविद व समाज सुधारक थे । उनने विधवा पुनर्विवाह के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया व इस विषय पर पुस्तक भी लिखी। वह बाल विवाह के भी प्रबल विरोधी रहे । संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार के अतिरिक्त उनने बांग्ला भाषा की लिपि में भी सुधार किया । लेखक के साथ साथ एक कुशल अनुवादक भी रहे । शिक्षाविद होने के नाते उनने कई विद्यालयों की भी स्थापना की ।
बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न इस महान विभूति को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि !
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